निर्भया केस (Nirbhaya Case): आरोपी पवन की दया याचिका खारिज, राष्ट्रपती ने कीया चारों दोषियों की फांसी का रास्ता साफ।
नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दोषी पवन गुप्ता की दया याचिका खारिज कर दी है. इस फैसले से अब चारों दोषियों की फांसी का रास्ता साफ हो गया है. अब निर्भया केस (Nirbhaya Case) में चारों दोषियों के पास सभी कानूनी विकल्प खत्म हो गए हैं. https://fb.me/bbnewshindi
इससे पहले निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक चारों दोषियों मुकेश, अक्षय, विनय और पवन को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी गई थी. बत दें की निर्भया केस (Nirbhaya Case) में दोषी पवन गुप्ता की क्यूरेटिव याचिका को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पहले ही खारिज कर दिया था साथ ही दोषी पवन ने फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग की थी जो भी ठुकराई जा चुकी है। https://fb.me/bbnewslive24
इसके बाद पवन गुप्ता के पास केवल एक ही विकल्प बचा था और वो था राष्ट्रपति के पास दया याचिका का विकल्प. लेकिन अब राष्ट्रपति ने भी पवन गुप्ता की दया याचिका खारिज कर दी है.
पटियाला हाउस कोर्ट पहले ही निर्भया के दोषियों पवन और अक्षय की याचिका खारिज कर चुका है और डेथ वारंट पर रोक लगाने से कोर्ट इनकार कर चुका है. पवन के अलावा बाकी के तीन दोषी मुकेश, अक्षय और विनय की क्यूरेटिव याचिका पहले ही सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो चुकी है. इसके बाद राष्ट्रपति उनकी दया याचिका भी ठुकरा चुके हैं. वहीं निर्भया की माँ भी बहुत परेशान हैं उन्होंने देश से समर्थन के लिए अपील कर नंबर भी जारी कीया था।
गौरतलब है कि पटियाला हाउस कोर्ट चारों दोषियों के लिए तीन बार डेथ वॉरंट जारी कर चुका है. लेकिन कानूनी वजहों से फांसी 3 बार टल चुकी है. इससे पहले फांसी 3 मार्च को होनी थी लेकिन कानूनी प्रावधानों की वजह से ये फांसी नहीं हो सकी. पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा निर्भया के दोषियों के लिए जारी डेथ वारंट के अनुसार तीन मार्च को सुबह छह बजे दोषियों को फांसी पर लटकाया जाना था.
कानूनी प्रावधानों के मुताबिक जब तक किसी दोषी के सभी कानूनी उपाय खत्म नहीं हो जाते तब तक उसे फांसी नही दी जा सकती. अगर कोर्ट से दोषी की याचिका खारिज भी हो जाती है तब भी उसे अन्य कानूनी विकल्पों के लिए 14 दिन का समय मिलता है.
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